भोपाल। पुलवामा हमले की चौथी बरसी पर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और मप्र के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने जहां पुलवामा हमले को इंटेलिजेंस की चूक बताया है, वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पलटवार करते हुए कहा कि दिग्विजय सिंह की बुद्धि फेल हो गई है।
उल्लेखनीय है कि चार साल पहले 14 फरवरी को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकियों ने सीआरपीएफ के जवानों से भरी बस पर हमला कर दिया था, जिसमें 40 सैनिक शहीद हो गए थे। आज पूरा देश पुलवामा हमले की बरसी पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को ट्वीट कर लिखा है कि आज हम उन 40 शहीद सीआरपीएफ जवानों को श्रद्धांजलि देते हैं, जो पुलवामा में भारी इंटेलिजेंस चूक के कारण शहीद हो गए। मुझे उम्मीद है कि सभी शहीदों के परिवारों का अच्छे से पुनर्वास किया गया है। दिग्विजय सिंह के इस ट्वीट के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ ही तमाम भाजपा नेताओं ने उन पर पलटवार किया है।
मुख्यमंत्री चौहान ने मंगलवार को भोपाल के स्मार्ट पार्क में मीडिया से बातचीत में कहा कि मुझे लगता है कि दिग्विजय की बुद्धि फेल हो गई है। वे देश की सेना का अपमान करते हैं। दिग्विजय पाकिस्तान की भाषा बोलते हैं। सेना का मनोबल गिराने की कोशिश करते हैं। अब जांच तो दिग्विजय सिंह की होनी चाहिए।
प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह श्रद्धांजलि में भी तंज कस रहे हैं। ट्वीट देखकर ऐसा लग रहा है जैसे आईएसआई से किसी ने ट्वीट किया हो। भारत माता की प्राण पण से सेवा कर अपने प्राणों का बलिदान देने वालों पर तंज कसने से आप नहीं चूकते। मुझे लगता है कि कांग्रेस की आदत ही हो गई है सेना के ऊपर इस तरह के बयान देना और उनके मनोबल को तोड़ना।
मप्र के नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने ट्वीट किया कि वीर जवानों के बलिदान पर राजनीति करना कांग्रेस का चरित्र रहा है। मुंबई टेरर अटैक को ये राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की साजिश बोल रहे थे। राहुल गांधी के साथ भारत जोड़ो यात्रा में सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे। आज देश वीर जवानों को नमन कर रहा है और ये आदतन अपना चरित्र उजागर करने में व्यस्त हैं।
हालांकि, मध्यप्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने दिग्विजय के ट्वीट का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि पुलवामा के शहीदों को उनके बलिदान-दिवस पर सादर नमन। संसद, अक्षरधाम, कश्मीर, विधानसभा सहित आधा दर्जन आतंकी हमले कब हुए? पुलवामा हमले में डीएसपी देवेंद्र सिंह की भूमिका, मध्यप्रदेश में भाजपा नेता ध्रुव सक्सेना की आईएसआई जासूसी को लेकर गिरफ्तारी पर प्रश्न पूछना क्या देशद्रोह या सेना का अपमान है?