युवा पीढ़ी जहां धर्म और अध्यात्म से दूर हो रहा है, वहीं फारबिसगंज के 25 साल का जैन युवक सांसारिक मोहमाया का त्याग कर जैन भगवती की दीक्षा प्राप्त कर संयम के मार्ग पर निकल पड़ा। यह युवक है पिता प्रदीप बोथरा और माता सूरज देवी का 25 साल का पुत्र ऋषभ बोथरा। ऋषभ बोथरा के दादाजी स्वर्गीय बुलाकी चंद बोथरा फारबिसगंज के बहुत बड़े कारोबारियों में एक थे और उनके पिता भी अपने कारोबार की विरासत को बचाने की कवायद में लगे हैं, लेकिन घर में धार्मिक माहौल शुरू से ही बना रहा। दादी प्रेमा देवी धर्मपरायण महिला हैं और घर में बकायदा धार्मिक माहौल को भी बनाए रखीं। परिणामस्वरूप ऋषभ महज 25 साल के उम्र में सांसारिक मोहमाया का त्याग कर सत्य और संयम के मार्ग पर निकल पड़ने का निर्णय लिया। आगे पढ़िए पूरी कहानी…
ऋषभ की प्रारम्भिक शिक्षा-दीक्षा फारबिसगंज में ही हुई। लेकिन वाणिज्य से स्नातक की डिग्री उन्होंने कोलकाता विश्वविद्यालय से प्राप्त किया। बीकॉम की पढ़ाई के बाद फारबिसगंज पहुंच कर अपने पिता के कपड़े के व्यवसाय में लग गया और लगातार धर्मिक कार्यक्रमों के साथ साधु-संतों के संपर्क में लगातार रहा। बाहर से आने-वाले जैन साधु-संतों की काफी मन से सेवा करता और उनकी बातों का अनुसरण करने लगा।
ऋषभ की बहन गरिमा बोथरा भी 2012 में बन गई थीं साध्वी
ऋषभ बोथरा की बहन गरिमा बोथरा भी 28 जनवरी 2012 को जैन भगवती दीक्षा शासन दीपिका साध्वी श्री आदर्शप्रभाजी के सानिध्य में दीक्षा ग्रहण कर साध्वी गुंजन श्रीजी बनी है। ऋषभ ने अपनी बहन से ही धर्म और आध्यात्म का अनुसरण करते हुए सांसारिक मोहमाया को त्याग कर धर्म की राह पर जाने का निर्णय लिया।
फारबिसगंज के जैन समाज की ओर से रविवार को शोभायात्रा निकाली गई। जिसमें बड़ी संख्या में जैन ध्वज के साथ बुजुर्ग, महिलाओं और बच्चों ने जयारा लगाते हुए भाग लिया। शोभायात्रा में मुमुक्षु ऋषभ बोथरा को सजाकर साज-सज्जा के साथ निकाला गया। शोभायात्रा के बाद समता भवन के नानेश सभागार में अभिनन्दन समारोह का आयोजन किया गया। जिसमें समाज के विभिन्न संस्थाओं श्री साधुमार्गी जैन श्रावक संघ, श्री साधुमार्गी जैन महिला समिति, समता युवा संघ, बिहार प्रांतीय मारवाड़ी सम्मेलन, अग्रवाल महासभा, ब्राह्मण महासभा, श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, श्री जैन श्वेताम्बर पार्श्वनाथ जिनालय दादाबाड़ी, श्री जैन दिगम्बर पार्श्वनाथ जिनालय की ओर से मुमुक्षु ऋषभ बोथरा को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में ज्ञानशाला के बच्चों की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति भी दी।