– प्रत्येक मृतक के आश्रित को 10 लाख और घायलों को एक लाख रुपये मुआवजा देगी दिल्ली सरकार
– दिल्ली प्रदेश भाजपाध्यक्ष मनोज तिवारी ने किया प्रत्येक मृतक आश्रित को 5 लाख की मदद का ऐलान
– प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने घटना पर जताया दुख
– दिल्ली सरकार ने दिए घटना की जांच के आदेश
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली में रानी झांसी रोड स्थित फिल्मिस्तान के निकट अनाज मंडी इलाके में रविवार सुबह तीन मंजिला एक इमारत में भीषण आग लग गई, जिसमें 43 लोगों की मौत हो गई। बचाव और अग्निशमन विभाग के दस्तों ने कई लोगों को बचाया है, जिनमें से कई की हालत गंभीर है। ताजा सूचना के मुताबिक आग में 56 से अधिक लोग घायल हुए हैं। फिलहाल आग पर काबू पा लिया गया है। दिल्ली सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रत्येक मृतक आश्रित को 10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को एक लाख रुपये मुआवजा देने और मुफ्त इलाज मुहैया कराने का ऐलान किया है। आग लगने की आज की इस घटना ने दो दशक पहले दिल्ली में हुए उपहार सिनेमाघर अग्निकांड की याद दिला दी, जिसमें 59 लोगों की मौत हुई थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस घटना को बेहद भयानक बताते हुए गहरा दुख व्यक्त किया है।
अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्हें आग लगने के बारे में सुबह फोन आया और बताया गया कि उन्हें जलती हुई इमारत में फंसे लोगों की संख्या के बारे में कोई जानकारी नहीं थी, जिससे बचाव कार्य में देरी हुई। एलएनजेपी अस्पताल के अधिकारियों ने पुष्टि की है कि अस्पताल में लाए गए कई लोगों की मौत हो गई है। बचाए गए और घायलों में से कई को सफदरजंग, आरएमएल अस्पताल, लेडी हार्डिंग और हिंदू राव अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों और घायलों की पहचान करने के प्रयास किए जा रहे हैं, क्योंकि ज्यादातर लोग बाहरी मजदूर हैं।
सघन बसावट और तंग गलियां होने के कारण बचाव दल को काफी दिक्कत हुई। आग लगने की वजह बिजली का शार्ट सर्किट होना बताया जा रहा है। ताजा सूचना मिलने तक कई लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है। दिल्ली के चीफ फायर अफसर के मुताबिक अंदर से अब जिन लोगों को निकाला गया है, उनकी हालत अत्यंत गंभीर है, क्योंकि आग लगने के चार घंटे से अधिक समय तक बचाव कार्य को अंजाम दिया गया। इसलिए हताहत होने वालों की संख्या बढ़ सकती है। यहां पर होजरी पैकिंग और प्लास्टिक की फैक्टरी भी चलती थी, जिसने आग को तेजी से बढ़ाया।
स्थानीय चश्मदीदों ने बताया कि इमारत यहां काम करने वाले मजदूरों से भरी हुई थी। ये मजदूर यहां पर उस वक्त सो रहे थे। पुलिस ने इमारत के मालिक की तलाश शुरू कर दी है, जो फरार बताया जा रहा है। फिलहाल उसके भाई को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है। आग बुझाने और बचाव कार्य को अंजाम देने के लिए 30 से अधिक फायर टेंडरों ने युद्ध स्तर पर काम किया। सुबह तड़के आग लगने पर कई लोग इमारत के अंदर फंस गए। फायर ब्रिगेड को सुबह 5:22 बजे आग लगने की सूचना मिली, जिसके बाद 30 फायर टेंडर्स को घटनास्थल पर भेजा गया।
दिल्ली अग्निशमन सेवा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी अतुल गर्ग ने कहा, “अब तक हमने 56 से अधिक लोगों को बचाया है। उनमें से ज्यादातर धुएं के कारण दम घुटने से प्रभावित हुए हैं।” मीडिया से बात करते हुए, डिप्टी फायर चीफ ऑफिसर सुनील चौधरी ने कहा, “600 वर्ग फीट के प्लॉट में आग लग गई। यहां अंदर बहुत अंधेरा था। यह एक फैक्टरी है जहां स्कूल बैग, बोतलें और अन्य सामग्री रखी जाती थी।” हालांकि आग पर काबू पा लिया गया है। उसके बाद की औपचारिकताएं पूरे करने का काम अभी भी जारी है। घटना स्थल और अस्पतालों के बाहर हर तरफ चीख-पुकार मची हुई है। रोते बिलखते लोग अपनों को ढूंढ रहे हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने हादसे पर जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी इस हादसे पर दुख व्यक्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “रानी झांसी रोड पर दिल्ली की अनाज मंडी में लगी आग बेहद भीषण है। यह अत्यंत दुखद घटना है। मेरी संवेदनाएं उन लोगों के साथ हैं, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया। मैं घायलों के जल्दी स्वस्थ होने की कामना करता हूं। अधिकारी घटना स्थल पर हर संभव सहायता प्रदान कर रहे हैं।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अनाज मंडी मे, भीषण आग लगने से कइयों की मौत और अनेक लोगों के घायल होने की खबर से आहत हूं । मृतकों के परिवार के प्रति मैं अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना को “दुखद” बताया और कहा कि फायरमैन अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन, दिल्ली प्रदेश भाजपाध्यक्ष मनोज तिवारी, राज्यसभा सदस्य विजय गोयल, दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता आदि नेताओं ने भी घटना स्थल का जायजा लिया। विजय गोयल और विजेंद्र गुप्ता ने इस घटना के लिए दिल्ली सरकार को जिम्मेदार ठहराया। विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि राजधानी में आग लगने की घटनाएं मौजूद अरविंद केजरीवाल राज में ज्यादा तेजी से बढ़ी हैं। उन्होंने दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाकर इस पर चर्चा कराने की मांग की। मनोज तिवारी ने मृतक आश्रितों को पांच-पांच लाख रुपये और घायलों को 25-25 हजार रुपये की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया।
घटना की जांच के आदेश
दिल्ली सरकार ने आग लगने की इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। सरकार ने कहा है कि यह जांच सात दिन के भीतर पूरी कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि घटना के लिए जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना स्थल का दौरा किया। उन्होंने प्रत्येक मृतक आश्रित को 10 लाख रुपये और प्रत्येक घायल को एक लाख रुपये मुआवजा देने और मुफ्त इलाज मुहैया कराने का ऐलान किया है।
उपहार अग्निकांड जैसा हादसा
आज इस तिमंजिला इमारत में लगी आग ने करीब 22 साल पहले हुई उपहार सिनेमाघर अग्निकांड की यादें ताजा कर दीं। 13 जून, 1997 को दक्षिण दिल्ली के ग्रीन पार्क स्थित उपहार सिनेमा में ‘बॉर्डर’ फिल्म देखने के दौरान लगी भीषण आग में 59 लोगों की जान चली गई थी। उस आग में 100 से अधिक लोग घायल भी हो गए थे। तब उस भीषण अग्निकांड ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था।