नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को कहा कि अगर सरकार इजरायली एजेंसियों के माध्यम से देश में जासूसी करा रही है तो यह मानवाधिकारों का घोल उल्लंघन है। सरकार को इस पर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
प्रियंका ने ट्वीट कर कहा कि यदि भाजपा या सरकार ने पत्रकारों, वकीलों, कार्यकर्ताओं और राजनेताओं के फोन में जासूसी के लिए इजरायली एजेंसियों को लगाया है, तो यह मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन और राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर आघात है। इस पर सभी को सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार है।
जानकारी के अनुसार भारत में कम से कम 20 से ऊपर शिक्षाविदों, वकीलों, दलित कार्यकर्ताओं और पत्रकारों से व्हाट्सएप ने संपर्क कर उन्हें अलर्ट किया है। उन्हें बताया गया है कि मई 2019 तक दो सप्ताह की अवधि के लिए उनके फोन निगरानी में थे। हालांकि यह नहीं बताया गया कि किसके इशारे पर पत्रकारों और कार्यकर्ताओं के फोन को निशाना बनाया गया। व्हाट्सएप ने कहा है कि वह इसके लिए जिम्मेदार एक इजरायली निगरानी कंपनी एनएसओ ग्रुप पर मुकदमा करने जा रहा है।