उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण की शुरुआत होने वाली है। 5 अगस्त को यहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास और भूमि पूजन करेंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हम सभी शुभ कार्यक्रम के लिए एक साथ आएंगे। 4 और 5 अगस्त की रात को सभी घरों और मंदिरों में ‘दीपोत्सव’ मनाया जाएगा। दीपावली अयोध्या से जुड़ी है और अयोध्या के बिना त्योहार की कल्पना भी नहीं की जा सकती है। योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री अयोध्या आ रहे हैं। हम अयोध्या को विश्व का गौरव बनाएंगे। स्वच्छता पहली शर्त होनी चाहिए। इस बीच, योगी ने संतों और ट्रस्ट के सदस्यों के साथ बैठक भी की।
योगी ने रामलला के दर्शन किए
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सीधे श्रीराम जन्मभूमि परिसर गए और उन्होंने रामलला के दर्शन-पूजन किए। मंदिर परिसर में पहले से ही ट्रस्ट के सदस्य मौजूद थे। सीएम ने राम जन्मभूमि कार्यशाला में तराशे गए पत्थरों की सफाई के काम का जायजा लिया। इसके बाद वे कारसेवक पुरम पहुंचे। उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि में भगवान श्रीराम के भाइयों को नए आसन पर विराजमान कराया।
योगी ने अयोध्या में रामलला के दर्शन किए। योगी ने बैठक में कहा कि भूमिपूजन कार्यक्रम से एक दिन पहले यानी 4 अगस्त की रात और जिस दिन कार्यक्रम होगा- यानी 5 अगस्त की रात में घरों और मंदिरों में दीपोत्सव मनाएं।
500 साल बाद ऐसा शुभ मुहूर्त आया, दुनिया देखेगी कार्यक्रम
बैठक में योगी ने कहा कि यहां अयोध्या के लिए खुद को साबित करने का एक मौका है। आज पूरा विश्व अयोध्या की तरफ देख रहा है। हमें अनुशासन में रहकर दुनिया के सामने एक मिसाल पेश करनी है। अयोध्या को देश और दुनिया का गौरव प्रदान करेंगे।
योगी ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के लिए संगठित रूप से देशव्यापी आंदोलन चलाया गया। यह काम राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के मार्गदर्शन में विश्व हिन्दू परिषद ने संतों के निर्देशन में किया।आज परिणाम हमारे सामने आया। 500 साल बाद अयोध्या में ऐसा शुभ मुहूर्त आया है। 5 अगस्त को दुनिया भव्य कार्यक्रम देखेगी। सोशल डिस्टेंसिंग के साथ शुभ मुहूर्त में शामिल होना चाहिए।
रामलला के दर्शन करने के लिए श्रीराम जन्मभूमि परिसर पहुंचे सीएम योगी।
सभी धर्मों से जुड़े लोगों को बुलाने पर विचार
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मुख्यमंत्री को मंदिर परिसर में होने वाले निर्माण कार्याें की जानकारी दी। राय ने योगी और संतों को बताया कि शिलान्यास के कार्यक्रम में अयोध्या और अयोध्या के बाहर आध्यात्मिक जैन, बौद्ध सभी धर्मों के लोगों को बुलाने का एक विचार चल रहा है। यह बड़ा व्यापक कार्यक्रम है। योगी अयोध्या में तीन घंटे रहे। साधु-संतों से भेंट के बाद वे अधिकारियों के साथ बैठक कर लखनऊ के लिए रवाना हो गए।
बैठक में ट्रस्ट के सदस्य दिनेंद्र दास को नहीं बुलाया गया
कारसेवक पुरम में संतों की बैठक में राम जन्मभूमि विवाद में पक्षकार और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ट्रस्ट में सदस्य बनाए गए निर्मोही अखाड़ा के महंत दिनेंद्र दास को नहीं बुलाया गया। महंत ने कहा कि सूचना ना होने के कारण बैठक में नहीं गया लेकिन जो हो रहा है, अच्छा हो रहा है। भगवान का भव्य मंदिर बनना चाहिए। वहीं, राम जन्मभूमि आंदोलन में बिगुल फूंकने वाले राम जन्म भूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य डॉ. रामविलास वेदांती को भी कारसेवक पुरम के बैठक की सूचना नहीं थी। इसलिए वह इस बैठक में नहीं गए। लेकिन, मानस भवन में मुख्यमंत्री ने इनको बुलाकर शिलान्यास के बारे में मंत्रणा की।