नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट हैदराबाद गैंगरेप-हत्या के आरोपितों के एनकाउंटर की जांच की मांग करने वाली याचिका पर 11 दिसम्बर को सुनवाई करेगा। याचिका में मुठभेड़ में शामिल पुलिसवालों और कमिश्नर वीसी सज्जनार पर एफआईआर दर्ज कर निष्पक्ष जांच की मांग की गई है। याचिका में पुलिस की कार्रवाई को संदिग्ध और तय नियमों के खिलाफ बताया गया है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में तीन याचिकाएं दायर की गई हैं। तीनों याचिकाएं वकीलों ने ही दायर की है। सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रदीप कुमार यादव, जीएस मणि और वकील मनोहरलाल शर्मा ने याचिका दायर की है। याचिका में पूरे मामले की जांच की मांग की गई है। साथ ही दोषी पुलिसवालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई है।
वकील मनोहरलाल शर्मा ने याचिका दायर कर मांग की है कि राज्यसभा सांसद संजय सिंह, जया बच्चन और दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल के बयानों से एनकाउंटर की कार्रवाई को बल मिला है। मनोहरलाल शर्मा ने मांग की है कि रेप के आरोपी को जब तक दोषी नहीं ठहरा दिया जाता तब तक टीवी चैनल्स पर कोई कार्यक्रम या बहस चलाने पर रोक लगाने के लिए दिशा-निर्देश जारी किया जाए।
वकील जीएस मणि और प्रदीप कुमार यादव ने अपनी याचिका में कहा है कि हैदराबाद एनकाउंटर में सुप्रीम कोर्ट के 2014 के आदेशों का अनुपालन नहीं किया गया। याचिका में हैदराबाद के पुलिस कमिश्नर वी सी सज्जनार के खिलाफ जांच की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलिस की कार्रवाई तय नियमों के खिलाफ है। याचिका में कहा गया है कि एनकाउंटर की निष्पक्ष जांच की जरूरत है।
6 दिसम्बर को सुबह चारों आरोपितों की पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। हैदराबाद पुलिस के मुताबिक चारो आरोपितों को सीन रिक्रिएट करने के लिए घटनास्थल पर ले जाया गया था जहां से चारों ने भागने की कोशिश की। हैदराबाद पुलिस के मुताबिक उसने आत्मरक्षा में चारों आरोपितों को मार गिराया।