देश और राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में श्रमिकों का अहम योगदान : रघुवर दास
सरायकेला। मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि मैं भी टाटा स्टील में मजदूर था, लेकिन झारखंड की जनता ने विकास और खुशहाली के लिए पूरे राज्य का मजदूर बनाकर भेजा। ऐसे में समाज के अंतिम पंक्ति के अंतिम व्यक्ति तक विकास पहुंचनी चाहिए। इसी ध्वेय के साथ काम कर रहा हूं। मुख्यमंत्री बुधवार को सरायकेला-खरसांवा जिले के आदित्यपुर से बुधवार को श्रम शक्ति अभियान के शुभारंभ के बाद लोगों को संबोधित कर रहे थे।
पूरे राज्य के लिए इस अभियान को शुरु करने के लिए आज से अच्छा दिन नहीं हो सकता। आज पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती है। ये एक ऐसे महापुरुष थे, जिन्होंने साम्यवाद और पूंजीवाद फेल होने पर एकात्म मानववाद का संदेश दुनिया को दिया। वे समाज के हर तबके की समृद्धि और खुशहाली चाहते थे। पंडित दीनदयाल जी पर आज पूरे देश को गर्व है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज से श्रमशक्ति अभियान शुरु हुआ है, जिसका समापन 2 अक्टूबर को गांधी जयंती पर होगा। इस दौरान असंगठित क्षेत्र के मजदूरों- सब्जी विक्रेता, रिक्शा चालक, ठेला चालक, खेतिहर मजदूर आदि के साथ-साथ भवन निर्माण के क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिकों का निबंधन मुफ्त में किया जा रहा है। इसके लिए सभी प्रखंडों और शहरों में जगह-जगह शिविर लगाए जाएंगे. मजदूरों का निबंधन कराने के पीछे सरकार का मकसद है कि इन्हें कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ काम करने के लिए सुरक्षित वातावरण दिया जा सके।
मुख्यमंत्री ने मौके पर ही श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि वे उपायुक्तों को यह निर्देश दे कि वे फैक्ट्रियों के संचालकों और रियल इस्टेट के कारोबारियों के साथ बैठक करें। उन्हें यह निर्देश दिया जाए कि वे सिर्फ वैसे मजदूरों को ही अपने यहां काम पर रखेंगे तो निबंधित होंगे। इतना ही नहीं, अपने-अपने फैक्ट्रियों, कंपनियों, प्रतिष्ठानों और दफ्तरों में शिविर लगाकर मजदूरों का निबंधन करेंगे। इसके लिए समय सीमा का भी निर्धारण किया जाए। इसके उपरांत जो उद्योग व फैक्ट्री संचालक औऱ रियल इस्टेट कारोबारी इन निर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई करें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि दीपावली के पहले झारखण्ड भवन निर्माण बोर्ड से निबंधित मजदूर भाईयों को शर्ट-पैंट का कपड़ा और बहनों को साड़ी दिया जायेगा। सरकार सभी श्रमिकों का विकास चाहती है औऱ इसके लिए जो भी जरूरी कदम होंगे, उठाए जाएंगे, क्योंकि इनका राज्य औऱ देश के नव निर्माण में अहम योगदान है।
उन्होंने कहा कि भवन निर्माण से जुड़े मजदूरों के लिए सरकार के पास 150 करोड़ रुपए का फंड है। ऐसे में भवन निर्माण से जुड़े मजदूरों का ज्यादा से ज्यादा निबंधन होना चाहिए, ताकि इस फंड का इस्तेमाल उनके हित में किया जा सके .
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में विभिन्न निकायों से जुड़े 18 हजार से ज्यादा सफाई कर्मी हैं। इन सफाई कर्मियों को भी श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के निर्माण बोर्ड से जोड़ दिया गया है। सरकार यह निर्णय ले चुकी है कि जो भी सफाई कर्मी तीन दिनों का प्रशिक्षण ले लेंगे, उनके मासिक वेतन में पांच सौ रुपए की वृद्धि हो जाएगी, क्योंकि वे अकुशल से कुशल श्रमिक की श्रेणी में आ जाएंगे।
श्रम, नियोजन एवं प्रशिक्षण विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने बताया कि श्रम शक्ति अभियान के अंतर्गत लगने वाले शिविरों में श्रमिकों के निबंधन के लिए काफी सरल व्यवस्था की गई है। इसके लिए श्रमिकों को सिर्फ बैंक पासबुक का खाता नंबर, आधार कार्ड और मोबाइल नंबल देना होगा। इसके उपरांत उनका मुफ्त निबंधन किया जायेगा।
असंगठित कर्मकार बीमा योजना. निबंधित श्रमिकों को असंगठित कर्मकार बीमा योजना के अंतर्गत मृत्यु होने पर उनके आश्रित को दो लाख रुपए मिलेगा। इसके लिए श्रम विभाग की ओर से श्रमिक के बीमे की पूरी प्रीमियम की राशि एलआईसी को दी जाएगी। इसके अलावा अंत्यष्टि सहायता योजना के तहत श्रमिक की मृत्यु होने की स्थिति में उसके अंतिम संस्कार के लिए परिजनों को 25 हजार रुपए दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री छात्रवृति योजना- इस योजना के अंतर्गत निबंधित श्रमिकों के बच्चों को पढ़ाई के लिए 250 रुपए से लेकर आठ हजार रुपए तक की छात्रवृति दी जाएगी।
मौके पर मुख्यमंत्री ने सांकेतिक तौर पर पांच श्रमिकों को निबंधन कार्ड सौंपा। इन श्रमिकों में बरसात उरांव, दुलाल महतो, मोताय पूर्ति, दसवां पूर्ति और मिश्री लाल महतो शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने इन सभी श्रमिकों को पगड़ी और शॉल पहनाकर सम्मानित भी किया।
मुख्यमंत्री ने आदित्यपुर से पूरे राज्य के लिए श्रमशक्ति योजना का किया शुभारंभ
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