रांची। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि राज्य सरकार आने वाले छ महीनों में 30 हजार लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया जाएगा। राज्य के नौजवानों को रोजगार देने की दिशा में सरकार तेजी से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री बुधवार को दुमका में “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम” के अंतर्गत प्रमंडल स्तरीय मेगा परिसंपत्ति वितरण कैंप को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि पहली बार विभिन्न विभागों की नियुक्ति नियमावली बनाई गई।
हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों -मूल वासियों को सरकारी नौकरियों में तरजीह देने की व्यवस्था है। वहीं, राज्य में अवस्थित निजी कंपनियों में भी संचालकों को 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीय लोगों को देने की व्यवस्था की गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस नियुक्ति नियमावली में बदलाव किया गया है ।अब पहले शारीरिक परीक्षा होगी फिर लिखित । मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के अंतर्गत स्वरोजगार के लिए सब्सिडी पर 25 लाख रुपये तक का लोन सरकार दे रही है ।
उन्होंने कहा कि राज्य की 80 प्रतिशत आबादी ग्रामीण परिवेश से आती है । ऐसे में जब गांव मजबूत होंगे, तभी प्रखंड, जिला और राज्य सशक्त बनेगा । जनहित से जुड़ी योजनाओं से कोई वंचित ना रहे, इसीलिए “आपके अधिकार आपकी सरकार आपके द्वार” कार्यक्रम चलाया जा रहा है । इसके माध्यम से गांव- गांव और पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर आपकी समस्याओं का निष्पादन और योजनाओं से जोड़ा जा रहा है ।
अंतिम पंक्ति में बैठे व्यक्ति को भी मिले योजनाओं का लाभ
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड की भौगोलिक संरचना थोड़ी जटिल है । सुदूर और दूर-दराज के गांवों में रहने वाले ग्रामीणों को सरकारी कार्य अथवा योजनाओं का लाभ लेने के लिए प्रखंड या जिला मुख्यालय आना पड़ता है। यहां आने के बाद भी अगर उनका कार्य नहीं हो पाता है तो उन्हें काफी मानसिक पीड़ा होती है। वे योजनाओं का लाभ लेने के बाबत सोचना भी छोड़ देते हैं ।इसी बात को ध्यान में रखकर सरकार आपके द्वार पर आकर कल्याणकारी योजनाओं से आपको जोड़ रही है।
अग्रणी राज्यों में झारखंड को लाएंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि झारखंड को देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने के लिए सरकार कृत संकल्प है। आप सभी के सहयोग से राज्य के विकास को गति दी जा रही है। हम एक ऐसी व्यवस्था बना रहे हैं , जहां किसी के सामने रोजी रोटी का संकट नहीं होगा।
कोरोना काल में भी जीवन -जीविका पर नहीं आने दिया संकट
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार गठन के कुछ ही महीने हुए थे कि कोविड-19 महामारी ने हम सभी को अपनी गिरफ्त में ले लिया। लॉकडाउन लगा और लोग अपने घरों में कैद हो गए। ऐसे में भी राज्य सरकार की योजनाएं धरातल पर उतारी गईम और आज जीवन सामान्य होने की ओर अग्रसर है। आगे भी गरीब आदिवासियों, महिलाओं, बुजुर्गों, अल्पसंख्यकों और पिछड़ा वर्ग समेत समाज के सभी जरूरतमंद लोगों की खातिर योजनाएं बनाई जा रही हैं।
नई नीति को उद्योग जगत की मिल रही सराहना
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में औद्योगिक निवेश को बढ़ावा देने के लिए नई उद्योग एवं प्रोत्साहन नीति बनाई गई है। इस नीति को उद्योग जगत की काफी सराहना मिल रही है और वे यहां उद्योग लगाने की इच्छा जता रहे हैं। हमारा प्रयास है कि ज्यादा से ज्यादा उद्योग यहां स्थापित हों और स्थानीय लोगों को व्यापक रोजगार के अवसर मिले ।
महिला समूह उत्पाद सरकार खरीदेगी
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला मंडलों के द्वारा जो उत्पाद बनाए जा रहे हैं, उसके प्रमोशन और बाजार के लिए सरकार हर संभव कदम उठा रही है । इसके तहत पलाश ब्रांड को व्यवसायिक रूप दिया जा रहा है , जिसमें उनके तमाम उत्पादों को सरकार खरीदने का काम कर रही है ।
परिसंपत्ति का वितरण
समारोह में संथाल परगना प्रमंडल के अंतर्गत आने वाले छह जिलों के लाभुकों के बीच परिसंपत्तियों का वितरण हुआ । कुल 28 लाख 45 हज़ार 759 लाभुकों के बीच 11 अरब 27 करोड़ 52 लाख 91 हज़ार 884 रुपए की परिसंपत्तियों का किया वितरण किया गया । शिविर में 1423 नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किया गया ।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने होड़ सोम्बाद संथाली पत्रिका का विमोचन किया। मौके पर ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम, कृषि मंत्री बादल , श्रम मंत्री सत्यानंद भोक्ता, विधायक प्रो. स्टीफन मरांडी, नलिन सोरेन, प्रदीप यादव, बसंत सोरेन, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का, सचिव मनीष रंजन, सचिव राजेश शर्मा तथा प्रमंडलीय आयुक्त, दुमका, गोड्डा, पाकुड़, साहिबगंज, देवघर और जामताड़ा जिले के उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत कई अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।