रांची। बीएड के प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं का स्कूल इंटर्नशिप संयुक्त उपागम अर्थात सिमुलेटेड एवं ऑनलाइन टीचिंग प्रैक्टिस के माध्यम से अपने ही कॉलेज में कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए पूरा कराया जाए। क्योंकि कोरोना के तीसरी लहर की संभावना को देखते हुए शिक्षक प्रशिक्षण के तकनीक आधारित वैकल्पिक उपायों की ओर कदम बढ़ाने की जरूरत है जिसमे सिमुलेटेड टीचिंग अर्थात बीएड प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे छात्रों का विषयवार समूह बनाकर अपने ही महाविद्यालय में शिक्षण अभ्यास करना और दूसरी ओर स्कूलों में चल रहे ऑनलाइन शिक्षण में जोड़कर प्रशुक्षुओं को टीचिंग प्रैक्टिस पूरा करना इसे ही संयुक्त उपागम की संज्ञा शिक्षा तकनीक में दी गई हैं।अब वक्त आ गया है कि उक्त उपागम का व्यवहारिक उपयोग किया जाए। उक्त बाते आज शिक्षा संकाय पटना विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित संकाय सदस्यों की वर्चुअल मीटिंग को संबोधित करते हुए रांची महिला महाविद्यालय के शिक्षाशास्त्र विभाग के सहायक प्राध्यापक डॉ. सचिन कुमार ने कहीं।
बैठक की अध्यक्षता पीयू के शिक्षा संकायाध्यक्ष प्रो. ललित कुमार ने करते हुए कहा कि यहां भी सिमुलेटेड टीचिंग प्रैक्टिस तत्काल प्रभाव से लागू करने के सुझाव दिए गए है ।
पटना ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो.(डॉ.)आशुतोष कुमार ने बताया कि कोरोना प्रोटोकोल के तहत राज्य के सभी माध्यमिक स्कूल अभी भी खोले नही गए। एनसीटीई के प्रावधानों के अनुसार बीएड के छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं स्कूल इंटर्नशिप पूरा कराए बिना परीक्षा नहीं ली जा सकती है । प्रो.आशुतोष ने बताया कि लॉकडाउन के पहले बीएड के प्रशिक्षणार्थी एक महीना का स्कूल इंटर्नशिप फेस-टू-फेस मोड में पूरा कर चुके हैं लेकिन शेष तीन महीने का स्कूल इंटर्नशिप सिमुलेटेड टीचिंग के माध्यम से अपने ही कॉलेज में पूरा कराने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर दी गई है।
वर्चुअल बैठक में एनसीसी का सिलेबस बनाकर कुलपति से अप्रूव्ड कराने का भी निर्णय लिया गया I
बैठक में पटना ट्रेनिंग कॉलेज के प्राचार्य प्रो. आशुतोष कुमार, बी. आर. ए. बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर के शिक्षा संकायाध्यक्ष डॉ.ए.आर. खान, ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ,दरभंगा के प्रतिनिधि डॉ. कुमार संजीव, पाटलिपुत्र विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि डॉ. ध्रुव कुमार एवं रांची विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि डॉ. सचिन कुमार भी शामिल हुए।