यरूशलेम। इजरायली प्रधानमंत्री ने रविवार को वेस्ट बैंक में यहूदी बस्तियों पर कब्जा करने की इच्छा जाहिर की। उन्होंने पांच महीने पहले के अपने चुनावी वादे को एक बार फिर दोहराया, लेकिन कोई समय सीमा नहीं बताई।
विदित हो कि इजरायल और फिलिस्तीन संघर्ष का यह एक प्रमुख मुद्दा है। फिलिस्तीन का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समर्थन से इजरायल अंतरराष्ट्रीय सर्वसम्मति से बनी व्यवस्था को बिगाड़ रहा है और वेस्ट बैंक की यहूदी बस्तियों को कब्जा करने की ओर आगे बढ़ गया है।
नेतन्याहू ने चुनावी सभा में कहा कि भगवान की मदद से वह सभी यहूदी बस्तियों में यहूदी संप्रभुता का विस्तार कर उन्हें इजरायल का अभिन्न हिस्सा बनाएंगे।हालांकि उन्हों ने यह नहीं बताया कि यह कदम वह कब उठाएंगे।
उल्लेखनीय है कि नेतन्याहू ने इसी तरह का संकल्प अप्रैल महीने में हुए चुनाव के दौरान भी लिया था, लेकिन उनकी दक्षिण पंथी लिकुड पार्टी को बहुमत नहीं मिला और ना ही प्रधानमंत्री सरकार बनाने लायक बहुमत जुटा पाए। अब एक बार फिर 17 सितम्बर को चुनाव होने जा रहा है, इसलिए नेतन्याहू ने अपना वादा दोहराया है।
अमेरिकी शांति योजना घोषित किए जाने के बावजूद वह लंबित है और इस बीच राष्ट्रपति ट्रंप ने विवादित गोलन हाइट पर इजरायली संप्रभुता को मान्यता दे दी। इस इलाके को साल 1967 में इजरायल ने युद्ध के दौरान सीरिया से छीना था।
विवाद का विषय यह है कि फिलिस्तीन वेस्ट बैंक को अपना एक प्रांत बनाना चाहता है जिसमें गाजा पट्टी को भी शामिल किया जाएगा। इतना ही नहीं वह पूर्वी यरूशलेम को इसकी राजधानी बनाना चाहता है। इसमें वह गाजा के उन इलाकों को भी शामिल करना चाहता है जिसे इजरायल ने साल 1967 में कब्जा किया था और साल 2005 में सेना भेजकर खाली कराया था।