WHO यूरोप के रीजनल डायरेक्टर डॉ. हैंस क्लूज ने कहा वैक्सीनेशन से राहत मिली है और पिछले पीक की तुलना में मौतों की संख्या भी कमी है. लेकिन उन्होंने ये भी कहा कि 53 देशों में पिछले दो महीनों में कोरोना के मामले और मौतों की संख्या दोगुनी हो गई है.
उन्होंने कहा कि डेल्टा वैरिएंट (Delta Variant) अब भी फैल रहा है और इसी बीच ओमिक्रॉन वैरिएंट के भी 21 देशों में 432 मामले आ चुके हैं. उन्होंने कहा, ‘यूरोप और मध्य एशिया में डेल्टा वैरिएंट अब भी डोमिनेंट हैं और हम जानते हैं कि वैक्सीन गंभीर बीमारी और मौतों को रोकने में प्रभावी है.’ नए वैरिएंट पर उन्होंने कहा कि अभी ये देखा जाना बाकी है कि ओमिक्रॉन ज्यादा गंभीर है या कम.
बच्चों में संक्रमण के मामले 2-3 गुना बढ़ें
क्लूज ने चिंता जताई कि यूरोप के कई देशों में बच्चों में संक्रमण के मामले दो से तीन गुना बढ़ गए हैं. हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि बुजुर्गों, हेल्थकेयर वर्कर्स और कमजोर इम्युन सिस्टम वाले लोगों की तुलना में बच्चों को कम गंभीर संक्रमण का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा, ‘स्कूल की छुट्टियां आते ही बच्चे माता-पिता या दादा-दादी के घर पर ज्यादा रहते हैं, जिससे बच्चों के जरिए उनमें संक्रमण फैल सकता है. साथ ही अगर उन्हें वैक्सीन नहीं लगी है तो ऐसे लोगों को गंभीर बीमारी होना या मौत होने का खतरा 10 गुना ज्यादा बढ़ जाता है.’ उन्होंने कहा कि बच्चों से बीमारियां फैलने का खतरा ज्यादा रहता है.
संयुक्त राष्ट्र की वीकली रिपोर्ट के मुताबिक, फिलहाल यूरोप कोरोना महामारी का एपिसेंटर बना हुआ है. दुनियाभर में होने वाली 61% मौतें और 70% मामले यहीं से आ रहे हैं.