इटली में स्थित ‘रेसिया झील’ लोगों के बीच चर्चा का विषय बन चुकी है। वैसे तो यह झील अपने बर्फीले पानी के बीच मौजूद 14वीं शताब्दी के एक चर्च की मीनार के लिए मशहूर है। लेकिन झील में एक खोए हुए गांव के अवशेष मिलने के बाद से लोग इसके निर्माण का इतिहास जानकर हैरान हैं!
रिपोर्ट के मुताबिक, जब कई वर्षों बाद झील की मरम्मत का काम शुरू हुआ तो उसके पानी को अस्थाई रूप से सुखाया गया। इसके बाद ही लोगों के सामने दशकों से जलमग्न गांव की तस्वीर आई। बता दें, लेक रेसिया को जर्मन में रेसचेन्सी के नाम से जाना जाता है। यह दक्षिण टायरॉल के अल्पाइन क्षेत्र में स्थित है, जो ऑस्ट्रिया और स्विट्जरलैंड की सीमा में है।
साल 1950 में पानी में समाने से पहले क्यूरॉन नामक यह गांव सैकड़ों लोगों का घर हुआ करता था। दरअसल, एक हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्लांट बनाने के लिए सरकार ने यहां 71 साल पहले एक बांध का निर्माण करवाया, जिसके लिए दो झीलों को मिलाया गया और क्यूरॉन गांव का वजूद मिट गया। जब 1950 में गांव के निवासियों की आपत्तियों के बावजूद भी अधिकारियों ने एक बांध बनाने और पास की दो झीलों को मिलाने का फैसला किया तो यह गांव पानी की गहराई में खो गया। इसके कारण 160 से अधिक घर जलमग्न हुए, और क्यूरॉन की आबादी विस्थापित हो गई। हालांकि, कुछ लोग आसपास नए गांव बसाकर रहने लगे थे।
इस क्षेत्र से ताल्लुक रखने वाली Luisa Azzolini ने ट्विटर पर कुछ तस्वीरें शेयर की और लिखा,
https://twitter.com/AvventuraL/status/1393958162085076994?ref_src=twsrc%5Etfw%7Ctwcamp%5Etweetembed%7Ctwterm%5E1393958162085076994%7Ctwgr%5E%7Ctwcon%5Es1_&ref_url=https%3A%2F%2Fnavbharattimes.indiatimes.com%2Fviral-adda%2Flife-hacks%2Flost-village-emerges-from-italian-lake-71-years-after-it-was-submerged-see-viral-pics-53826%2F
‘इस ‘गांव’ के मलबे के बीच चलना एक ‘अनोखा एहसास’ था।’ बता दें, ‘क्यूरॉन’ से इंस्पायर होकर एक किताब लिखी गई है। साथ ही, नेटफ्लिक्स ने एक सीरीज भी बनाई है। यह झील गर्मियों में हाइकर्स की पसंदीदा जगह है। जबकि सर्दियों में इसके जमने पर विजिटर्स झील पर चलकर चर्च के शिखर तक पहुंचते हैं। बता दें, दक्षिण टायरॉल पहले ऑस्ट्रिया का हिस्सा था, लेकिन प्रथम विश्व युद्ध के दौरान इसपर इटली का कब्जा हो गया। इस क्षेत्र में रहने वाले लोगों की पहली भाषा जर्मन है।