लॉस एंजेल्स। अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध में एशिया में स्टाक मार्केट धराशायी हो गए है। हांगकांग के हांग सेंग इंडेक्स में तीन प्रतिशत की गिरावट आई, जबकि चीन के शंघाई कंपोजित इंडेक्स ने 1.2 की डुबकी ली और जापान का निक्की इंडेक्स 225 अंकों के साथ 2.2 प्रतिशत लुढ़क गया। इस व्यापार युद्ध का दुष्प्रभाव दक्षिण कोरिया कोसपी पर भी पड़ा, जो सांझ ढलने और मार्केट खुलने तक 1.7 प्रतिशत दब गया।
एशिया में सोमवार को जैसे ही मार्केट खुले, निवेशकों के चेहरे उतरे हुए थे। उनके चेहरे पर बिआरित्ज (फ़्रांस) में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के आक्रामक तेवर ने उनके चेहरे की मुस्कराहट छीन ली थी। इस से विश्व में एक बार फिर मंदी का माहौल पैदा हो गया है। फ़्रांस के दक्षिण में समुद्र तट पर एक रिसार्ट ‘बिआरिट्ज’ में रविवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने यह संकेत दिया था कि ”अब अमेरिका और चीन के बीच सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है, लेकिन सांझ ढलते-ढलते उनका रूख आक्रामक हो गया। व्हाइट हाउस की ओर से कहा गया कि वह चीन से आयातित उत्पादों पर सीमा शुल्क की दरें और बढ़ा सकते थे। अगस्त माह के शुरू में ट्रम्प ने तीन सौ अरब डालर के उत्पादों पर एक सितंबर से मात्र दस प्रतिशत सीमा शुल्क लगाए जाने के लिए ट्वीट किया था। इस पर चीन ने शुक्रवार को ईंट का जवाब पत्थर से दिए जाने के कारण 75 अरब के उन अमेरिकी उत्पादों पर शुल्क लगाये जाने की घोषणा कर दी, जो अमेरिकी राष्ट्रपति के शुभ चिंतक किसान अथवा निर्माण कार्यों में मज़दूर मतदाता थे। शुक्रवार को बाज़ार बंद होते-होते उन्होंने 250 अरब डालर के उन चीनी उत्पादों पर भी अतिरिक्त पांच प्रतिशत का शुल्क बढ़ा कर 30 प्रतिशत कर दिया।
अमेरिकी स्टाक मार्केट में भी व्यापार युद्ध का असर रहा। ‘डोव’ 200 अंक लुढ़क गया तो एस एंड पी 500 को 0.8 प्रतिशत और नेस्डेक को 0.9 प्रतिशत का ख़ामियाज़ा भुगतना पड़ा। ग्लोबल निवेश में प्रमुख अर्थ शास्त्री मार्क हेफ़िल ने कहा है कि इस व्यापार युद्ध के कारण आर्थिक मंदी की आशकाएं बढ़ गई हैं।
इस व्यापार युद्ध का कच्चे तेल और युआन मुद्रा पर भी पड़ा। अमेरिकी कच्चा तेल 1.4 प्रतिशत लुढ़क गया तो ब्रेंट क्रूड तेल में 1.1 प्रतिशत की गिरावट आई। चीन ने डालर के मुक़ाबले अपनी मुद्रा और नीचे गिरा दी। अब युआन एक डालर के मुक़ाबले 7.14 से 0.6 प्रतिशत नीचे गिर गया।