नई दिल्ली। कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए सीएसएमसीआरआई के वैज्ञानिकों ने कारगर उपाय खोज लिया है। केंद्रीय नमक एवं समुद्री रसायन अनुसंधान संस्थान गुजरात भावनगर के वैज्ञानिकों ने ऐसा फेस मास्क तैयार किया है, जिसके संपर्क में आते ही कोरोना का वायरस अपने आप ही नष्ट हो जाता है।
संस्थान के वैज्ञानिकों ने बताया है कि संशोधित पॉलीसल्फोन मैटेरियल से तैयार किए गए मास्क की बाहरी छिद्रयुक्त परत विशेष सामग्री से तैयार की गई है। इसमें अलग अलग तरह की परतों का इस्तेमाल किया गया है। यह 150 माइक्रोमीटर मोटा है।
यह मास्क 60 नैनोमीटर या उससे अधिक किसी भी वायरस को खत्म कर सकता है। ऐसे में 80 से 120 नैनोमीटर के कोरोना वायरस के खत्म होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। फिलहाल इसे चिकित्सीय मान्यता का इंतजार है। यह डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और कर्मचारियों के लिए ऑक्सीजन के समान होगा।
उन्हें इस बीमारी के खतरों से बचने में सहायता मिलेगी। साथ ही यह मास्क धुलने में आसान और इसका फिर से प्रयोग संभव है ऐसे में संक्रमण युक्त मास्क को नष्ट करने की भी चिंता नहीं रहेगी। इसकी कीमत 50 रुपये तक होगी। यह कई मायनों में बाजार में अभी उपलब्ध मास्क से भी बेहतर होगा। क्योंकि इसकी बाहरी परत फंगल और बैक्टीरिया से लड़ने में सक्षम है।