Ranchi : कंटेनर के साथ एक मजदूर को जिंदा जला देने के कांड में शामिल अपराधियों तक पहुंचने के लिये पुलिस द्वारा अपनाये गये फार्मूला काम आ गया। वारदात को अंजाम देने से पहले अपराधियों ने केबलिंग का काम कर रही सिंह इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े एक कर्मचारी को फोन कर धमकी दी गई थी। फोन पर मिली धमकी को टेप कर लिया गया। पुलिस को हमलावरों का कोई सुराग नहीं मिल पाया था। तब पुलिस ने ऑडियो गांव के कुछ लोगों को सुनाया। धमकी देने वाले आवाज को ग्रामीणों ने पहचान लिया। रवि मुंडा का नाम उछलकर सामने आया। पुलिस ने रवि मुंडा को उठा लिया। पूछताछ में वह टूट गया। उसने अपना गुनाह कबूल कर लिया। पुलिस के सामने खुलासा किया कि रंगदारी वसूलने की खातिर ऐसा किया। इस कांड में शामिल अपने अन्य सहयोगियों के बारे में भी पुलिस को सबकुछ बता दिया। इसके बाद पुलिस दिनेश उरांव, अनीश केरकेट्टा, रूपेश पहान एवं महेश उरांव को अरेस्ट कर लिया गया। इनके पास से एक पिस्टल, देशी पिस्तौल और कई राउंड जिंदा गोलियां मिली है।
पुलिस अनुसंधान से यह भी खुलासा हुआ कि पकड़े गये लोग किसी उग्रवादी संगठन से ताल्लुकात नहीं रखते हैं। लोकल गुंडे हैं। रंगदारी वसूलने की खातिर इलाके में गुंडई करते रहते थे। यहां याद दिला दें कि बीते 28 मई की देर रात राजधानी रांची के मैक्लुस्कीगंज के करामकोचा में BSNL के केबलिंग का काम कर रही कंपनी की साइट पर एक कंटेनर को जला दिया गया था। इस आगजनी में एक मजदूर जिंदा जल गया था। इस वारदात को रांची पुलिस ने गंभीरता से लिया। रांची पुलिस कप्तान चंदन कुमार सिन्हा ने खलारी DSP के नेतृत्व में एक स्पेशल टीम बनाई। गठित टीम उक्त फार्मूला अपना कर अपराधियों को दबोच लिया। SSP चंदन कुमार सिन्हा ने मीडिया को बताया कि गिरफ्तार सभी का आपराधिक इतिहास रहा है। रवि मुंडा पहले भी जेल जा चुका है। गिरफ्तार रूपेश मर्डर केस में जेल जा चुका है।
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