एक फ्लैट में तीन बहनें अपने पिता के साथ रहती थीं. एक रात जब पिता सो गए तो लड़कियों ने उनके ऊपर चाकू, हथौड़े और मिर्ची पाउडर से हमला कर दिया. घटना के बाद लड़कियों ने खुद पुलिस को फोन किया और फिर बहनों को गिरफ्तार कर लिया गया.
तीन बहनों के अपने पिता की जान लेने की यह घटना रूस की है. करीब ढाई साल पहले हुई इस घटना को लेकर रूस में काफी लोग मानते हैं कि बहनों ने जो किया उसके पीछे ठोस वजहें थीं और उन्होंने खुद के बचाव में ऐसा किया, लेकिन कई लोगों की नजर में यह हत्या सोच समझकर बदले की भावना से की गई थी. हमले के बाद जब पिता की बॉडी की जांच की गई तो उनके शरीर पर चाकू के 30 निशान पाए गए थे. पिता के सिर, गले और छाती पर हमले किए गए थे. वहीं, पुलिस ने जब हत्या के कारणों की पड़ताल की तो मालूम हुआ कि पिता लंबे वक्त से बेटियों को प्रताड़ित कर रहे थे. करीब 3 साल से पिता अपनी बेटियों को पीटा करते थे, कई माध्यमों से टॉर्चर करते थे, बेटियों को कैदी की तरह रखते थे और उनके साथ यौन दुर्व्यवहार भी हुआ करता था.
घटना के वक्त एंजेलिना 18 साल की थीं, लेकिन मारिया (17) और क्रिस्टिना (19) नाबालिग थीं. पिता के साथ तीनों बहनें मॉस्को के एक फ्लैट में रहा करती थीं. वहीं, बहनों के साथ-साथ उनकी मां भी पिता के हाथों घरेलू हिंसा का शिकार हो चुकी थीं. 27 जुलाई 2018 को बहनों ने पिता की हत्या कर दी थी. तब उनकी मां साथ नहीं रह रही थीं. पिता ने अपनी बेटियों को मां से मिलने से भी रोक रखा था. हालांकि, घरेलू हिंसा के तमाम सबूतों के बावजूद तीनों बहनों पर हत्या का आरोप लगाया गया. इसकी वजह से यह मामला रूस में बहस के केंद्र में आ गया. तीन लाख से अधिक लोगों ने एक कैंपेन में शामिल होकर बहनों की रिहाई की मांग की थी. मानवाधिकार संगठनों ने बहनों को गुनहगार की जगह पीड़ित बताया था और रूसी कानून में बदलाव की मांग भी उठी थी.
इस केस की सुनवाई अदालत में काफी धीमी रफ्तार से चल रही है. इसी साल कई बार सुनवाई टाली भी गई. अदालत ने आरोपी बहनों को जमानत दे दी, लेकिन उन पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए, जैसे कि वे पत्रकारों से बात नहीं कर सकतीं और न आपस में बात कर सकती हैं. वहीं, हत्या की दोषी साबित होने पर बहनों को 20 साल की जेल हो सकती है.