लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने धर्मार्थ कार्य, पर्यटन, संस्कृति व भाषा विभागों का प्रस्तुतिकरण देखने के बाद अधिकारियों को कार्ययोजना के तहत कार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के प्रयासों से उत्तर प्रदेश नेचर, कल्चर और एडवेंचर का संगम बन रहा है।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में 21वीं सदी में भारत में सांस्कृतिक नवजागरण हो रहा है। जन आकांक्षाओं के अनुरूप श्रीकाशी विश्वनाथ धाम कॉरिडोर निर्माण, अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण, अयोध्या दीपोत्सव, ब्रज रंगोत्सव, काशी की देव-दीपावली, विंध्य धाम कॉरिडोर, नैमिष तीर्थ, शुक तीर्थ पुनरुद्धार, मां अन्नपूर्णा की प्रतिमा 100 साल बाद वापस प्रतिष्ठापित होना, सोरों-सूकर क्षेत्र विकास आदि प्रयास अद्भुत है। यह पूरे विश्व में नए भारत के नए उत्तर प्रदेश की पहचान बनाने वाले हैं।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में चिन्हित 12 परिपथ के विकास के कार्यों को प्रतिबद्धता के साथ पूर्ण कराया जाए। रामायण परिपथ, बौद्ध परिपथ, आध्यात्मिक परिपथ, शक्तिपीठ परिपथ, कृष्ण/ब्रज परिपथ, बुंदेलखंड परिपथ, महाभारत परिपथ, सूफी परिपथ, क्राफ्ट परिपथ, स्वतंत्रता संग्राम परिपथ, जैन परिपथ एवं वाइल्ड लाइफ एंड इको टूरिज्म परिपथ उत्तर प्रदेश में पर्यटन को नई पहचान देंगे।
एक प्लेटफार्म पर सभी मंदिरों की हो जानकारी
उत्तर प्रदेश दिवस की तर्ज पर जनपद, गांव, नगर के इतिहास के प्रमुख दिवस पर विशेष आयोजन कराए जाएं। आगामी 100 दिनों के भीतर श्रद्धालुओं और पर्यटकों की सुविधा को देखते हुए ऑनलाइन एकीकृत मंदिर सूचना प्रणाली का विकास किया जाना चाहिए। जिसमें मंदिरों का विवरण, इतिहास, रूट मैप आदि की जानकारी हो।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की अद्वितीय सांस्कृतिक पहचान को संरक्षित, संवर्धित एवं लोकप्रिय बनाते हुए राज्य को सांस्कृतिक गंतव्य के रूप में प्रतिष्ठित करने का हमारा प्रयास है। लोक कल्याण संकल्प के अनुरूप बुजुर्ग संतों, पुजारियों एवं पुरोहितों के कल्याण के लिए एक बोर्ड का गठन किया जाना है। इस पर कार्ययोजना बनाकर आगे बढ़ा जाए।
उन्होंने कहा कि प्रयागराज, मथुरा, गोरखपुर एवं वाराणसी में ‘भजन संध्या स्थल तैयार कराया जाए। श्रीअयोध्या धाम में जन्मभूमि पथ (सहादतगंज नया घाट मार्ग से सुग्रीव किला पथ श्रीरामजन्मभूमि तक ‘जन्मभूमि पथ’ तथा अयोध्या मुख्य मार्ग से हनुमानगढ़ी होते हुए श्रीरामजन्मभूमि तक ‘भक्ति पथ’ चार लेन मार्ग के निर्माण कार्य यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाए।
भाषाओं के आधार अकादमी स्थापित होगी
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि क्षेत्रीय भाषाओं, बोलियों की समृद्धि-संरक्षण के लिए हम संकल्पित हैं। ‘सूरदास ब्रजभाषा अकादमी, गोस्वामी तुलसीदास अवधी अकादमी, केशवदास बुंदेली अकादमी, संतकबीरदास भोजपुरी अकादमी की स्थापना करना उचित होगा। यह कार्य आगामी 100 दिनों में पूर्ण कर लिया जाए। शृंगवेरपुर में निषादराज गुह पर्यटन, लखनऊ में महाराजा बिजली पासी के किले पर लाइट एंड साउंड शो, बहराइच में महाराजा सुहेलदेव स्मारक निर्माण के कार्य तेजी के साथ पूर्ण कराए जाएं। यह पर्यटन के प्रमुख केंद्र के रूप में राष्ट्रीय मानचित्र पर अपना स्थान बनाएंगे। आगरा में छत्रपति शिवाजी महाराज स्मारक का विकास कराया जाना चाहिए। सीतामढ़ी स्थल भदोही का विकास किया जाना चाहिए। अधिकारियों को कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिए।
प्रदेश में इको एंड रूरल टूरिज्म का गठन किया जाना चाहिए। इसी प्रकार, सभी 75 जिलों में पर्यटन एवं संस्कृति परिषद का गठन किया जाए। मथुरा के बरसाना तथा प्रयागराज में झूंसी से त्रिवेणी पुष्प तक रोप-वे निर्माण कराया जाए। लखनऊ और प्रयागराज में हेली टूरिज्म की संभावनाओं का आकार दिया जाए। बलरामपुर के इमिलिया कोडर में थारू जनजाति संस्कृति संग्रहालय को यथाशीघ्र पूर्ण कराया जाए। राजकीय अभिलेखागार लखनऊ में आजादी की गौरव गाथा पर आधारित वीथिका का निर्माण कराया जाए। संगीत नाटक अकादमी के स्टूडियो में कम्युनिटी रेडियो प्रारम्भ किया जाना चाहिए। इस कम्युनिटी रेडियो का नाम ‘जयघोष’ रखा जा सकता है।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर प्रदेश के 75 जिलों के समृद्ध इतिहास से परिचय कराती 75 पुस्तकों का प्रकाशन कराया जाए। इसी प्रकार, राष्ट्रभक्ति पर आधारित 75 लघु फिल्मों का प्रदर्शन भी किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि लखनऊ, सोनभद्र व लखीमपुर खीरी में जनजातीय संग्रहालय की स्थापना की कार्ययोजना तैयार कराएं। कन्नौज में बाल संग्रहालय की स्थापना पर विचार करें। रामायण परम्परा की ‘कल्चरल मैपिंग’ कराई जानी चाहिए। इसी प्रकार, राम वन गमन पथ पर रामायण वीथिकाओं का निर्माण कराने की कार्यवाही हो।
हस्तिनापुर (मेरठ) व गोरखपुर में प्राकृतिक विज्ञान संग्रहालय के प्रयास हों। वाराणसी में संत रविदास संग्रहालय व सांस्कृतिक केंद्र की स्थापना कराई जाए। इसके साथ ही सभी विश्वविद्यालयों में गौरव गैलरी की स्थापना कराया जाना चाहिए। रामसनेही घाट बाराबंकी में रामायण सांस्कृतिक केंद्र व शिल्पग्राम का विकास कराया जाना चाहिए। हैपिनेस इंडेक्स में सुधार के दृष्टिगत विभिन्न योग एवं आध्यात्मिक संस्थाओं से समन्वय कर कार्यशालाओं का आयोजन कराएं।