नई दिल्ली। दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट ने आईएनएक्स मीडिया डील मामले में पी चिदंबरम की ईडी की हिरासत में जाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है। इस मामले में कोर्ट ने 12 सितम्बर को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
सुनवाई के दौरान ईडी की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने चिदंबरम की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि हमें अभी चिदंबरम की हिरासत नहीं चाहिए। ईडी को जब हिरासत की जरूरत होगी तो वह कोर्ट में याचिका दायर करेगी। ईडी ने कहा था कि यह आरोपित तय नहीं कर सकता कि कब जांच एजेंसी उसको हिरासत में ले और कैसे जांच को आगे बढ़ाए।
चिदंबरम की ओर से वकील कपिल सिब्बल ने कहा था कि अगर पहले इन्होंने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि गिरफ्तार करना चाहते हैं तो आखिर अब क्यों नहीं हिरासत में ले रहे, जबकि मैं न्यायिक हिरासत में रहना चाहता हूं। यह जान-बूझकर ऐसा कर रहे हैं, जिससे कि चिदंबरम जेल में रहें। सिब्बल ने कहा था कि अभियुक्त का कोर्ट में सरेंडर करने का हमेशा अधिकार रहता है। इसका मेहता ने विरोध करते हुए कहा था कि मैं एक अन्य एजेंसी का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। वो मनी लाॅन्ड्रिंग के मामले की जांच कर रही है। अगर कोई अभियुक्त यह तय करे कि उसे कब गिरफ्तार होना है तो उसके गंभीर परिणाम होंगे।
उल्लेखनीय है कि पी चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया डील के सीबीआई से जुड़े मामले में पिछली 21 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद चिदंबरम की ईडी हिरासत 5 सितंबर तक बढ़ाई गई। 5 सितंबर को कोर्ट ने चिदंबरम को 19 सितंबर तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया। इस मामले में ईडी और सीबीआई दोनों ने चिदंबरम की गिरफ्तारी की मांग की है।
आईएनएक्स मीडिया मामले में सीबीआई ने 15 मई 2017 को एफआईआर दर्ज की थी। इसमें आरोप लगाया गया है कि वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में आईएनएक्स मीडिया को 305 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि प्राप्त करने के लिए फॉरेन इन्वेस्टमेंट प्रमोशन बोर्ड से मंजूरी देने में गड़बड़ी की गई। इसके बाद ईडी ने 2018 में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया था।