तम्बाकू बेचने वाले व्यपारी या दुकानदार हो जाये सावधान
बोकारो। तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत लाईसेंस लेने के लिए आज एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन चास नगर निगम चास के सभागार में अपर नगर आयुक्त शशिप्रकाश झा की अध्यक्षता में चेम्बर आफ कामर्स व प्राधिकृत पदाधिकारियों के साथ आयोजित किया गया।
अपर नगर आयुक्त शशिप्रकाश झा ने बताया कि चास नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत तम्बाकू बिक्री हेतु जारी किए गए लाईसेंस या अनुज्ञप्तिधारी ही तम्बाकू बिक्री कर सकता है। साथ ही उन्होंने बताया कि दुकानदार तम्बाकू उत्पाद के साथ अब नही बेच सकेंगे टॉफी, कैन्डी, चिप्स, बिस्कुट, पेय पदार्थ इत्यादि। उन्होंने बताया कि अव्यसकों एवं किशोरों को तम्बाकू से दूर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास मंत्रालय का किशोर न्याय (बाल देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के अनुसार 18 साल से कम उम्र के बच्चे को किसी प्रकार का मादक – नशीला पदार्थ, तम्बाकू उत्पाद बेचने पर 7 साल की कैद एवं एक लाख रुपये तक के जुर्माना का प्रावधान है।
सीडस संस्थान के रिम्पल ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़े के अनुसार भारत में प्रतिवर्ष लगभग 12 लाख लोगों कि मृत्यु तम्बाकू जनित रोगों जैसे कैंसर, स्ट्रॉक तथा हृदय रोग आदि से होती है। झारखण्ड में 50.1 प्रतिशत लोग (63.6 प्रतिशत पुरूष तथा 35.9 प्रतिशत महिलाएँ) किसी न किसी रूप में तंबाकू का इस्तेमाल करते है। धूम्रपान एवं तंबाकू सेवन से मानव स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पडता है, जो कैंसर तथा अन्य गंभीर बीमारियों का प्रमुख कारण है एवं असमय लोग मृत्यु-अपंगता के शिकार हो जाते है, राज्य में हर वर्ष लगातार कैंसर के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। तम्बाकू सेवन से सिर, गर्दन, गले और फेंफड़े के कैंसर के मामले सर्वाधिक हैं। 90 प्रतिशत ओरल कैंसर तम्बाकू के प्रयोग से होते हैं। अतः जनमानस द्वारा तम्बाकू के उपयोग को सीमित करने की आवश्यकता है। उन्होंने आगे बताया कि भारत सरकार द्वारा तम्बाकू उपयोग को नियंन्त्रित कर इससे होने वाली बीमारियों से जनमानस को बचाने के उद्देश्य से सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद (विज्ञापन का प्रतिषेध और व्यापार तथा वाणिज्य उत्पादन प्रदाय और वितरण का विनियमन) अधिनियम (कोटपा-2003) लागू किया गया है। सिगरेट और अन्य तम्बाकू उत्पाद अधिनियम (कोटपा, 2003) के माध्यम से अवयस्को, कम उम्र के युवाओं एवं जन समूह द्वारा तम्बाकू उत्पाद के उपयोग को रोकने, तम्बाकू की हानिकारक लत से बचाने तथा तम्बाकू उत्पादों के प्रचार-प्रसार पर प्रतिबंध लगाना है।