काबुल। तालिबान के संस्थापकों में से एक मुल्ला नूरुद्दीन तुराबी ने कहा है कि तालिबान के शासन में जल्द सख्त सजा देने का दौरा बहाल किया जाएगा, चाहे वह हाथ काटने की सजा हो या फिर फांसी पर चढ़ाए जाने की सजा हो।
उन्होंने कहा कि स्टेडियम में सजा के लिए सभी ने हमारी आलोचना की लेकिन हमने उनके कानूनों और उनकी सजा के बारे में कभी कुछ नहीं कहा। कोई हमें नहीं बताएगा कि हमारे कानून क्या होने चाहिए। हम इस्लाम का पालन करेंगे और हम कुरान पर अपने कानून बनाएंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि इस बार ऐसी सजाएं सार्वजनिक रूप से नहीं, बल्कि पर्दे के पीछे दी जाएंगी। तुराबी तालिबान की पिछली सरकार में कानून मंत्री रह चुके हैं। तुराबी के बयानों से साफ है कि तालिबान जल्द ही अपने पुराने शासन की सजाओं को लागू कर सकता है।
सफ़ेद पगड़ी और सफ़ेद दाढ़ी में तुराबी अपने कृत्रिम पैर पर थोड़ा लंगड़ा रहा था। 1980 के दशक में सोवियत सैनिकों के साथ लड़ाई के दौरान उन्होंने एक पैर और एक आंख खो दी थी।
नई तालिबान सरकार में तुराबी जेलों के प्रभारी हैं। वह कई तालिबान नेताओं में शामिल हैं, जिनमें सभी पुरुष अंतरिम मंत्रिमंडल के सदस्य हैं और संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंधों वाली सूची में शामिल हैं।