नई दिल्ली: पुराने जमाने से ही गोल्ड एक सुरक्षित निवेश का जरिया माना जाता है. आज भी भारत में गोल्ड को लेकर एक इमोनशनल रिश्ता है. लेकिन घर में सोना रखना खतरे से खाली भी नहीं है, क्योंकि इसके चोरी होने, खो जाने का डर लगा रहता है, तो इसके लिए कुछ लोग गोल्ड को लॉकर में रखते हैं. कई बैंक्स लॉकर की सुविधा देते हैं. अगर आप भी कुछ ऐसा ही सोच रहे हैं तो पहले इसकी पूरी जानकारी होना बेहद जरूरी है.
क्या लॉकर में कीमती चीजें सुरक्षित हैं?
अगर आपने बैंक लॉकर में गोल्ड ज्वेलरी या कुछ बेहद जरूरी चीजें ये सोचकर रखी हैं कि वो वहां पूरी तरह से सुरक्षित हैं, तो आपकी जानकारी के लिए बता दें कि बैंक में चोरी, आग या दूसरे किसी कारण से लॉकर में रखे सामान को नुकसान पहुंचता है तो बैंक इसकी जिम्मेदारी नहीं लेते.
लॉकर्स पर RBI के दिशा-निर्देश
लॉकर में रखा सोना यो कोई कीमती चीज कितनी सुरक्षित है, इस पर साल 2017 में रिजर्व बैंक की गाइडलाइंस पर ध्यान दें. जिसके मुताबिक ‘बैंकों की ये कतई जिम्मेदारी नहीं बनती की किसी दुर्घटना होने पर वो लॉकर में रखी कीमती चीजों की भरपाई ग्राहक को करे.’
मतलब ये कि अगर किसी भी तरह की अनहोनी बैंक में होती है जैसे- बैंक में डकैती, आग लगना, किसी तरह के प्राकृतिक आपदा, युद्ध के हालात में बैंक अपने कस्टमर को भरपाई नहीं करेगा. ऐसा इसलिए क्योंकि बैंक के लॉकर एग्रीमेंट में देयता भुगतान के बारे में कोई नहीं जिक्र है, सारी जिम्मेदारी ग्राहक की होती है कि वो अपने कीमती सामान का इंश्योरेंस करा कर रखें.
गोल्ड ज्वेलरी का बीमा कराएं
बैंक जब लॉकर में किसी तरह की चोरी, डकैती से हुए नुकसान की जिम्मेदारी नहीं लेते तो ये बहुत जरूरी हो जाता है कि आप अपने लॉकर या घर में रखे सोने-चांदी का बीमा करा कर रखें. अच्छी बात ये है कि गोल्ड ज्वेलरी का बीमा कराने पर अलग से बैंक लॉकर में रखने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी.
गोल्ड बीमा कवर का खर्च
बैंक लॉकर में रखे गोल्ड के लिए इंश्योरेंस प्रीमियम इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कितनी राशि के सोने का इंश्योरेंस कराया है. आमतौर पर सालाना न्यूनतम 300 रुपए से लेकर 2,500 रुपए तक का प्रीमियम देना होता है.
बैंक लॉकर इंश्योरेंस नहीं देते हैं, बल्कि कुछ निजी कंपनियां गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी देती हैं. जैसे Tata AIG, IFFCO TOKIO, ICICI Lombard, Future Generali जैसी कुछ इंश्योरेंस कंपनियां गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी देती हैं. कुछ इंश्योरेंस कपंनियां लॉकर प्रोटेक्शन पॉलिसी की सुविधा भी देती हैं. जिसके जरिये ग्राहकों को बैंक में आग लगने पर, चोरी होने पर, प्राकृतिक आपदा, आतंकवादी हमला या फिर किसी भी तरह के बैंक कर्मचारी द्वारा धोखा मिलने पर गोल्ड सुरक्षा देती हैं. गोल्ड इंश्योरेंस पॉलिसी के जरिये दो लाख रुपए से लेकर 40 लाख रुपए तक की राशि का कवर मिलता है. हादसे के 30 दिन के अंदर मामला निपटाया जाता है.