नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील एवं पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री राम जेठमलानी का 95 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से बीमार थे। उन्होंने रविवार सुबह दिल्ली स्थित अपने निवास पर आखिरी सांस ली। उनके बेटे महेश जेठमलानी ने बताया कि आज शाम लोधी रोड के शमशान घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने राम जेठमलानी के निधन पर शोक जताया है।
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति एवं प्रधानमंत्री ने जताया शोक
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपने शोक संदेश में कहा कि ‘राम जेठमलानी का निधन मेरी व्यक्तिगत क्षति है। मैंने अपना मित्र और निकट सहयोगी खो दिया है। ईश्वर उन्हें आशीर्वाद दें और हम सबको यह दुःख वहन करने के लिए धैर्य दें।’
उपराष्ट्रपति वेकैया नायडू ने कहा कि ‘पूर्व केंद्रीय मंत्री, एक कानूनी चमकदार और भारत के प्रतिभाशाली दिमागों में से एक, राम जेठमलानी के निधन के बारे में जानकर गहरा दुःख हुआ। उनके निधन से राष्ट्र ने एक प्रतिष्ठित न्यायविद, एक महान बौद्धिक और देशभक्त खो दिया है, जो अपनी अंतिम सांस तक सक्रिय थे।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने शोक संदेश में कहा कि ‘राम जेठमलानी जी के निधन से, भारत ने एक असाधारण वकील और प्रतिष्ठित सार्वजनिक व्यक्ति को खो दिया। आपातकाल के काले दिनों के दौरान, उनकी स्वतंत्रता और सार्वजनिक स्वतंत्रता के लिए लड़ाई को याद किया जाएगा। राम जेठमलानी ने न्यायालय और संसद दोनों में समृद्ध योगदान दिया है।’
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि ‘राम जेठमलानी जी का निधन पूरे देश और कानून से जुड़े लोगों के लिए एक अपूरणीय क्षति है। कानूनी मामलों पर उनके विशाल ज्ञान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा।’
राम जेठमलानी फिलहाल राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से राज्यसभा सदस्य थे। जेठमलानी एक मशहूर वकील एवं राजनेता थे। वे भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से मुंबई में दो बार सांसद रहे। बाद में अटल बिहारी बाजपेयी की सरकार में केन्द्रीय कानून मंत्री एवं शहरी विकास मंत्री बने। हालांकि विवाद के चलते उन्हें पार्टी से निकाल दिया गया। इसके बाद 2004 में लखनऊ से अटल बिहारी वाजपेयी के खिलाफ चुनाव लड़े लेकिन हार गए थे। 7 मई 2010 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन का अध्यक्ष चुना गया। 2010 में जेठमलानी को फिर से भाजपा में शामिल कर लिया और राजस्थान से राज्यसभा सदस्य बनाया गया।
जेठमलानी उच्च प्रोफाइल से सम्बन्धित मामलों के मुकदमे की पैरवी करने के कारण विवादास्पद रहे और उसके लिए उन्हें कई बार कड़ी आलोचना का सामना भी करना पड़ा। वे अपने समय सबसे महंगे वकील माने जाते थे। इसके बावजूद उन्होंने कई मामलों में नि:शुल्क पैरवी की।
जेठमलानी के प्रमुख केसों में नानावटी बनाम महाराष्ट्र सरकार, पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह, हर्षद मेहता स्टॉक मार्केट स्कैम, हाजी मस्तान केस, हवाला स्कैम, मद्रास हाईकोर्ट, आतंकी अफजल गुरु, जेसिका लाल मर्डर केस, 2जी स्कैम केस और आसाराम का मामला शामिल हैं।
इसके अलावा जेठमलानी बाबा रामदेव, राजीव गांधी के हत्यारों, लालू यादव, जयललिता और जगन मोहन रेड्डी की पैरवी कर चुके थे। यही नहीं उन्होंने एम्स के डॉक्टर और इंदिरा गांधी के शव का पोस्टमार्टम करने वाले टीडी डोगरा द्वारा दिए गए मेडिकल प्रमाणों को भी चैलेंज किया था। हालांकि उनके इस केस पर कई लोगों ने आपत्ति जताई थी। वे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के भी वकील रहे हैं।
राम जेठमलानी का जन्म 14 सितम्बर 1923 को ब्रिटिश भारत के शिकारपुर शहर में वर्तमान में पाकिस्तान के सिन्ध प्रान्त में है। उनका जन्म भूलचन्द गुरुमुखदास जेठमलानी एवं उनकी पत्नी पार्वती भूलचन्द के यहां हुआ था। सिन्धी प्रथानुसार पुत्र के साथ पिता का नाम भी आता है अत: उनका पूरा नाम रामभूलचन्द जेठमलानी था लेकिन चूंकि उनके नाम का पहला शब्द राम था। अत: आगे चलकर वे राम जेठमलानी के नाम से ही मशहूर हो गए।
स्कूली शिक्षा के दौरान दो-दो क्लास एक साल में पास करने के कारण उन्होंने 13 साल की उम्र में मैट्रिक पास कर लिया।
जेठमलानी ने महज 17 वर्ष की उम्र में वकालत की डिग्री हासिल कर ली थी। तब नियमों में संशोधन कर उन्हें 18 वर्ष की उम्र में प्रैक्टिस करने की इजाजत दी गई थी। हालांकि नियमानुसार प्रैक्टिस की उम्र 21 वर्ष निर्धारित थी। बाद में उन्होंने एससी साहनी लॉ कॉलेज, कराची एलएलएम की डिग्री प्राप्त की।
1959 में ही नानावती केस में जेठमलानी ने अपनी पहचान बना ली थी। इसके बाद से वो क्रिमिनल लॉ प्रैक्टिस के दिग्गज चेहरा बन गए। जेठमलानी के दो बेटे और दो बेटियां हैं। उनके दोनों बच्चे महेश जेठमलानी और रानी जेठमलानी भी जाने-माने वकील हैं।