रांची। झारखंड की लचर बिजली व्यवस्था पर अब पीएमओ की नजर है। पतरातू में एनटीपीसी द्वारा बनाए जा रहे 4000 मेगावाट के पावर प्लांट के निर्माण कार्य की प्रगति और उसमें आ रही अड़चनों से अब खुद प्रधानमंत्री रु-ब-रु होंगे। प्रधानमंत्री 25 मई को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये झारखंड के मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव सहित बिजली कंपनियों के अफसर से जायजा लेंगे। बैठक में केंद्रीय ऊर्जा सचिव भी शामिल होंगे।
जानकारी के अनुसार पीएमओ हर हाल में 2024 के पहले पतरातू पावर प्लांट से बिजली उत्पादन शुरू कराना चाहता है। इसको लेकर बिजली कंपनियों के अफसर रेस हैं। इसमें आ रही अड़चनों ल को भी दूर करने की कोशिश की जा रही है। सबसे बड़ी अड़चन ट्रांसमिशन लाइन की है। पावर प्लांट से बिजली आपूर्ति के लिए ट्रांसमिशन लाइन का निर्माण किया जाना था। लेकिन ट्रांसमिशन लाइन का टेंडर रद्द कर फिर से नई शर्तों के साथ टेंडर करने की तैयारी चल रही है। इसका जवाब भी संचरण निगम को बताना होगा। वहीं, पावर प्लांट के लिए आबंटित बनहर्दी कोल ब्लॉक को लेकर भी अड़चन है। इसमें एकाउंट क्लीयर नहीं हो पाया है। कई डिस्प्यूट के मैटर अब भी चल ही रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि पतरातू में चार हजार मेगावाट पावर प्लांट बनाने की योजना राज्य सरकार ने 2015 में बनायी। 2015 में झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की ओर से एनटीपीसी के साथ समझौता किया गया था। योजना के तहत पहले चरण में 2400 मेगावाट का पावर प्लांट बनना था। दूसरे चरण में 1600 मेगावाट पावर प्लांट बनाया जाना था। पहले चरण का उत्पादन साल 2019 में शुरू होना था। लेकिन अब पहले चरण में 800 मेगावाट उत्पादन शुरू होने की संभावना जताई जा रही है।