नई दिल्ली. दूरसंचार विभाग ने ग्राहकों की सुविधा के लिए नई मोबाइल सिम लेने के नियमों में बदलाव किए हैं. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में केंद्र सरकार ने इस फैसले को मंजूरी दे दी है. बता दें कि हाल में दूरसंचार विभाग ने केवाईसी के नियमों में भी बदलाव किया था.
टेलिकॉम डिपार्टमेंट के नए नियमों के मुताबिक, अगर आपको नया मोबाइल नंबर या टेलीफोन कनेक्शन लेना है तो केवाईसी पूरी तरह से डिजिटल होगी. दूसरे शब्दों में समझें तो नई सिम के लिए आपको कोई डॉक्यूमेंट जमा नहीं करना होगा. वहीं, पोस्टपेड नंबर को प्रीपेड और प्रीपेड को पोस्टपेड कराने के लिए भी अब कोई फॉर्म नहीं भरना होगा. इसके लिए डिजिटल केवाईसी को वैध माना जाएगा. इसके लिए ग्राहक टेलिकॉम कंपनी के ऐप की मदद से सेल्फ केवाईसी करेंगे. इसके लिए उन्हें सिर्फ 1 रुपये का भुगतान करना होगा. ग्राहक ये काम वेबसाइट या ऐप के जरिये सिर्फ कुछ स्टेप्स में पूरी कर सकते हैं.
सेल्फ केवाईसी की प्रक्रिया
- सिम प्रोवाइडर का ऐप डाउनलोड करें. फिर अपने फोन से रजिस्टर करें.
- अपना दूसरा या अपने परिवार के किसी व्यक्ति का नंबर दें.
- इसके बाद मिले वन टाइम पासवर्ड (OTP) की मदद से लॉगिन करें.
- इसमें सेल्फ केवाईसी का ऑप्शन चुनें. जानकारी भरकर प्रक्रिया पूरा करें.
18 साल से कम उम्र वाले को नहीं मिलेगा सिम
दूरसंचार विभाग के नए नियमों के मुताबिक, अब टेलिकॉम ऑपरेटर 18 साल से कम उम्र के लोगों को सिम कार्ड जारी नहीं करेंगे. वहीं, अगर किसी व्यक्ति की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है तो सिम कार्ड जारी करने पर प्रतिबंध रहेगा. अगर ऐसे व्यक्ति को सिम कार्ड जारी किया जाता है तो टेलिकॉम कंपनी दोषी मानी जाएगी. दरअसल, नया सिम लेने के लिए कस्टमर एक्यूजिशन फॉर्म (CAF) भरना होता है. यह ग्राहक और कंपनी के बीच कॉन्ट्रैक्ट होता है. इस फॉर्म में कई शर्तें होती हैं.
इस कॉन्ट्रैक्ट को इंडियन कॉन्ट्रैक्ट लॉ 1872 के तहत लागू किया जाता है. इस कानून के तहत कोई भी कॉन्ट्रैक्ट 18 से ज्यादा उम्र के लोगों के बीच होना चाहिए. भारत में एक व्यक्ति अधिकतम अपने नाम से 12 सिम खरीद सकता है। इसमें से 9 सिम का इस्तेमाल मोबाइल कॉलिंग के लिए किया जा सकता है। जबकि 9 सिम का इस्तेमाल मशीन-टू-मशीन कम्यूनिकेशन के लिए उपयोग किया जा सकेगा।