नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने शुक्रवार को नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर विपक्षी दलों पर देश में गलत जानकारी फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि सीएए भारत की धर्मनिरपेक्ष साख में कोई बदलाव नहीं करता है।
हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट संदेश में कहा कि सीएए का मतलब यह नहीं है कि प्रताड़ित होकर आया मुसलमान भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन नहीं कर सकता। वास्तव में, पिछले पांच वर्षों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने लगभग 600 मुसलमानों को नागरिकता प्रदान की है।
उन्होंने कहा कि आधुनिक भारत में तिब्बत, श्रीलंका, युगांडा या बांग्लादेश के शरणार्थियों को शरण दी गई है। सीएए से भारत की मानवाधिकारों के लिए प्रतिबद्धता नहीं बदलती है, बल्कि यह मानवीय मूल्यों के आधार पर भारत की स्थिति की फिर से पुष्टि करता है। उन्होंने कहा कि आधुनिक राष्ट्रों के पास नागरिकता के अनुसार मानदंडों को परिभाषित करने का विशेषाधिकार है। विकसित देश भी अपने यहां बिना शर्त या बिना रोक-टोक नागरिकता प्रदान नहीं करते हैं।
पुरी ने कहा कि विपक्षी दलों ने भ्रामक प्रचार कर सीएए की आढ़ में सरकार विरोधी एक अभियान खड़ा किया है। शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के गांधीवादी सिद्धांतों के खिलाफ जाकर एक झूठी कहानी गढ़कर उन्होंने पथराव, सार्वजनिक संपत्ति को नष्ट करने, आगजनी और पुलिस बलों पर हमले किए। कुछ तो विदेशी हस्तक्षेप को आमंत्रित करने की सीमा तक भी गए। यह सब भारत के हित में नहीं है।
उन्होंने कहा कि सीएए धर्म, जाति, पंथ, संप्रदाय, जातीयता या नस्ल के आधार पर किसी भारतीय नागरिक के अधिकारों को चुनौती नहीं देता है। इसके संबंध में यह प्रचारित किया जाना कि भारत में इससे धार्मिक अल्पसंख्यकों को खतरा है अत्यंत विश्वासघाती प्रचार है।