– मुख्यमंत्री ने कहा- ईडी की इस कार्रवाई से राज्य सरकार का कोई संबंध नहीं
मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र राज्य सहकारी बैंक घोटाले में अपने विरुद्ध लगे आरोपों पर बुधवार को सफाई दी है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी सहकारी बैंक के निदेशक नहीं थे। इसके बावजूद उन पर मामला दर्ज किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज इस मामले में वह किसी भी जांच को तैयार हैं। जांच एजेंसी को वह हर प्रकार से सहयोग भी करेंगे। इसके लिए वह खुद शुक्रवार (27 सितम्बर) को ईडी के दफ्तर में पेश होंगे। ईडी की कार्रवाई पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि इस पूरे प्रकरण से राज्य सरकार का कोई लेना-देना नहीं है। ईडी यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देश के अनुसार कर रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री पवार बुधवार को मुंबई स्थित यशवंत राव प्रतिष्ठान के सभागार में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि राजनीतिक जीवन में उन पर मामला दर्ज होने की यह दूसरी घटना है। इससे पहले एक बार उन्हें जलगांव से नागपुर तक रैली निकालने पर गिरफ्तार किया गया था। प्रेस कॉन्फ्रेंस में राकांपा प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील और प्रवक्ता नवाब मलिक भी उपस्थित थे।
उल्लेखनीय है कि ईडी ने मंगलवार को शरद पवार और उनके भतीजे पूर्व मुख्यमंत्री अजित पवार समेत करीब 70 लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी। यह घोटाला करीब 25 हजार करोड़ रुपये का बताया जा रहा है।
शरद पवार और अन्य पर ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में राकांपा कार्यकर्ताओं ने मुंबई स्थित ईडी दफ्तर के बाहर बुधवार को धरना-प्रदर्शन किया। इसके अलावा पार्टी द्वारा राज्य के कई जिलों में भी विरोध-प्रदर्शन किया गया है। मुंबई में प्रदर्शनकारियों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज का सहारा लेना पड़ा। पुलिस ने यहां से राकांपा के पांच कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया है।
शरद पवार के गृह जिले बारामती में पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिलाधिकारी कार्यालय के सामने मौन प्रदर्शन किया। ईडी की इस कार्रवाई के विरोध में पूरा बारामती बंद रहा। स्कूल-कॉलेजों में एक दिन की छुट्टी कर दी गयी थी।
राकांपा नेता छगन भुजबल ने कहा कि शरद पवार पर बदले की कार्रवाई के तहत ईडी ने मामला दर्ज किया है। पवार के भतीजे अजित पवार ने कहा कि सहकारी बैंक का कुल कारोबार ही 12 हजार करोड़ रुपये का है, लेकिन बताया जा रहा है कि यह घोटाला 25 हजार करोड़ रुपये का है। यह सब राकांपा को चुनाव प्रचार से पहले ही दबाव डालने की नीयत से किया जा रहा है।