नई दिल्ली। महाराष्ट्र में भाजपा-एनसीपी गठबंधन द्वारा शनिवार सुबह सरकार गठन के बाद विरोधी दलों के हमलावार बयान पर पलटवार करते हुए भाजपा ने कहा कि एक बड़ा जनादेश और बहुमत भाजपा-शिवसेना को मिला था, तो शिवसेना ने किसके बहकावे में 360 डिग्री का टर्न लिया।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पत्रकार वार्ता में कहा कि राज्यपाल ने तीनों पार्टियों को बुलाया था। एनसीपी और शिवसेना को बुलाया तो उन्होंने कहा कि और समय दीजिए। आज सुबह भाजपा और अजीत पवार के साथ एनसीपी के तबके ने आवेदन दिया कि हमारे पास बहुमत है। क्या शिवसेना और एनसीपी का कोई आवेदन राज्यपाल के पास अब तक था?
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि हमें कहा जा रहा है कि हमने लोकतंत्र की हत्या की है। शिवसेना ने 30 साल पुरानी दोस्ती तोड़ी तब लोकतंत्र की हत्या नहीं हुई? जब अजित पवार के नेतृत्व में बड़ा तबका आकर देवेंद्र फडणवीस को समर्थन दे तो क्या लोकतंत्र की हत्या हो गई? कुछ लोग छत्रपति शिवाजी की विरासत की बात कर रहे हैं, उनसे मैं बस इतना कहूंगा कि सत्ता के लिए अपने विचारों से समझौता करने वाले तो कम से कम छत्रपति शिवाजी की बात न करें। उनका प्रमाणिक कांग्रेस विरोध जग जाहिर है, उनकी राष्ट्रभक्ति-राष्ट्रवाद और भारत की संस्कृति-संस्कार के प्रति समर्पण प्रमाणिक है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना को जनादेश था लेकिन बड़ी पार्टी होने के नाते मुख्यमंत्री के दावेदार देवेंद्र फडणवीस थे। शरद पवार और कांग्रेस ने परिणाम के बाद बयान दिया था कि हमें विपक्ष में बैठने का जनमत मिला है। तो ये विपक्ष में बैठने का जनमत कुर्सी के लिए मैच फिक्सिंग कैसे हो गया था। भाजपा और शिवसेना ने जब बहुमत प्राप्त किया तो ये भाजपा गठबंधन की नैतिक और चुनावी विजय थी। चुनाव परिणाम के बाद शिवसेना किसके इशारे पर उत्तेजक हो गई। उन्होंने कहा कि हम एक प्रमाणित, प्रभावी और ईमानदार सरकार देंगे।
एक प्रश्न के उत्तर में रविशंकर प्रसाद ने कहा कि शिवसेना पर कोई टिप्पनी नहीं करनी, उनका दावा 25 दिनों से चल रहा है। जो आदरणीय बाला साहब ठाकरे के आदर्शों को जीवित नहीं रख सके उनके विषय में कुछ नहीं कहना। जहां तक बात बहुमत साबित करने की है तो वह समय पर कर दिया जाएगा।