विशेषज्ञों के मुताबिक, उन्नाव रेप पीड़िता के ब्लड में पाया गया बैक्टीरिया काफी रेयर है, जो आमतौर पर मल में पाया जाता है. यह ब्लड में कैसे पहुंचा, इसका पता लगाया जाना चाहिए. इस बैक्टीरिया पर कई दवाएं बेअसर साबित होती हैं.
उन्नाव रेप (Unnao Rape Victim) पीड़िता का दिल्ली के एम्स (AIIMS) में इलाज जारी है. उसकी हालत लगातार गंभीर बनी हुई है. इस बीच लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) अस्पताल से पीड़िता को हुए इंफेक्शन को लेकर नई रिपोर्ट सामने आई है. जब पीड़िता केजीएमयू में भर्ती थी, तो उसका ब्लड कल्चर किया गया था. इस कल्चर रिपोर्ट में खून में खतरनाक बैक्टीरिया पाया गया है. गंभीर बात ये है कि इस बैक्टिरिया पर सात प्रमुख एंटीबायोटिक दवाओं में से छह बेअसर पाई गई हैं. केजीएमयू पीड़िता की इस कल्चर रिपोर्ट को अब एम्स भेजेगा.
ट्रॉमा सेंटर में इलाज के दौरान किए गए पीड़िता के ब्लड कल्चर में एंटिरोकोकस बैक्टीरिया पाया गया है, जिसमें अधिकतर एंटीबायोटिक बेअसर होती हैं.
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ. संदीप तिवारी के मुताबिक, आईसीयू में भर्ती मरीजों को दी जाने वाली प्रमुख एंटीबायोटिक के प्रभाव की टेस्टिंग की गई. लैब में ड्रग सेंसिटीविटी टेस्टिंग में सात एंटीबायोटिक दवाओं की जांच की गई. उसमें से पीड़िता पर छह एंटीबायोटिक बेअसर पाई गईं. विशेषज्ञों ने इसे मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस करार दिया. पीड़िता में एंटिरोकोकस बैक्टीरिया की पुष्टि हुई है. इसकी रिपोर्ट एम्स भेज दी जाएगी.
रेयर है बैक्टीरिया, निपटना कठिन चुनौती
विशेषज्ञों के मुताबिक, यह बैक्टीरिया काफी रेयर है और मल में पाया जाता. यह ब्लड में कैसे पहुंचा इसका पता लगाया जाना चाहिए. इसकी वजह से दवाएं बेअसर हो जाती हैं.
बता दें कि रायबरेली सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल पीड़ित युवती को लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था. जहां वेंटीलेटर यूनिट में उसका इलाज चला. बाद में सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों पर पीड़िता को पांच अगस्त को एयरलिफ्ट कर दिल्ली के एम्स अस्पताल में शिफ्ट किया गया था.