नई दिल्ली। दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सोमवार को कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपित रॉबर्ट वाड्रा को विदेश जाने के लिए अनुमति दे दी। स्पेशल जज अरविंद कुमार ने ये आदेश दिया।
सुनवाई के दौरान ईडी ने वाड्रा की अर्जी का विरोध किया। ईडी ने कहाकि वाड्रा ने विदेश जाने के लिए समय से ठीक पहले याचिका दायर की है। उनके विदेश के कार्यक्रम को वेरिफाई करने का भी समय नहीं मिला। इस पर वाड्रा की ओर से वरिष्ठ वकील केटीएस तुलसी ने कहा कि वाड्रा ने कोर्ट के आदेशों का हमेशा पालन किया है। उन्हें अपना इलाज कराने के अलावा बिजनेस के काम से स्पेन जाना है। इसलिए उन्हें विदेश जाने की अनुमति दी जाए। वार्डा ने अर्जी दाखिल कर दो हफ्ते के लिए विदेश जाने की इजाजत मांगी थी।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले कोर्ट उन्हें 13 सितम्बर और 3 जून को विदेश जाने की अनुमति दे चुकी है। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कोर्ट ने 1 अप्रैल को वाड्रा को सशर्त अग्रिम जमानत दी थी। कोर्ट ने कहा था कि उन्हें देश के बाहर जाने के पहले कोर्ट की अनुमति लेनी होगी।
वाड्रा ने दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर ट्रायल कोर्ट में अपने खिलाफ चल रहे मामले को निरस्त करने की मांग की है। ये याचिका अभी लंबित है। यह मामला वाड्रा की करीब 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड की संपत्ति की खरीद से जुड़ा हुआ है। ईसीआईआर के आधार पर ईडी ने वाड्रा से कई बार पूछताछ की है। इस मामले में वाड्रा ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की है। ईडी ने वाड्रा को हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की है और कोर्ट से कहा है कि वे जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं।
ईडी के मुताबिक लंदन की ये संपत्ति 12, ब्रायनस्टोन स्क्वायर में स्थित है। इस संपत्ति को संजय भंडारी 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में खरीदी थी और उसे 2010 में 1.9 मिलियन ब्रिटिश पाउंड में ही बेच दी थी। जबकि भंडारी ने 65900 ब्रिटिश पाउंड इसके रेनोवेशन पर खर्च कर चुका है। इसका साफ मतलब है कि उस संपत्ति का असली मालिक भंडारी नहीं था बल्कि रेनोवेशन का खर्च वाड्रा ने वहन किया था। इस मामले में वाड्रा ने अपनी सफाई में कोर्ट को बताया था कि इस केस के पीछे राजनीतिक वजह है।